अनुकृति हिंदी साहित्य परिषद्
परिचय
अनुकृति हिंदी साहित्य परिषद् जिसकी स्थापना वर्ष 2018 में की गई थी, शहीद भगत सिंह सांध्य महाविद्यालय की हिंदी सृजनात्मक लेखन समिति है। इसका उद्देश्य छात्रों की सृजनात्मक शक्ति को पहचानना और उसे कुशल कौशल में परिवर्तित करना है। हम कविता लेखन, भाषण, और अन्य साहित्यिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों की संचार कौशल को निखारते हैं और मंच पर आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। हमारा मोटो है: “सर्वश्रेष्ठ नहीं, उत्तम”, जो हमें बेहतर बनने की प्रेरणा देता है।
संरचना, कार्य प्रणाली एवं नियमित गतिविधियां
अनुकृति हिंदी साहित्य परिषद्, शहीद भगत सिंह सांध्य महाविद्यालय के हिंदी विभाग के अंतर्गत कार्यरत एक सक्रिय साहित्यिक संस्था है। परिषद् की संरचना लोकतांत्रिक पद्धति पर आधारित है, जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, समन्वयक तथा सलाहकार जैसे पद सम्मिलित हैं। परिषद् के नियमित कार्यक्रमों में प्रत्येक सप्ताह तीन सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिनमें सदस्यों को भाषा, साहित्य और अभिव्यक्ति से संबंधित विषयों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन सत्रों में कविता लेखन, भाषण कला, मंच संचालन, आलोचनात्मक लेखन तथा सृजनात्मक अभिव्यक्ति का अभ्यास कराया जाता है। वरिष्ठ सदस्यों और शिक्षकों के मार्गदर्शन में यह सत्र विद्यार्थियों की रचनात्मकता को निखारने, आत्मविश्वास बढ़ाने और साहित्यिक दृष्टि विकसित करने में सहायक सिद्ध होते हैं। इसके अतिरिक्त परिषद् “क्षितिज”, “प्रभास”, “अमोघ” और “उद्गार” जैसे वार्षिक आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों को हिंदी साहित्य, भाषा एवं अभिव्यक्ति से जोड़ने का कार्य निरंतर करती है। परिषद् का उद्देश्य विद्यार्थियों में सृजनात्मकता, वक्तृत्व कौशल और साहित्यिक अभिरुचि का विकास करते हुए हिंदी के प्रति गर्व और आत्मीयता की भावना को प्रबल बनाना है।
विभागीय संबद्धता
अनुकृति हिंदी साहित्य परिषद्, हिंदी विभाग के अंतर्गत कार्यरत एक सृजनात्मक एवं साहित्यिक समाज है। यह परिषद् हिंदी विभाग के मार्गदर्शन, निर्देशन और संरक्षण में कार्य करती है तथा विभागीय शिक्षकों की देखरेख में अपने समस्त कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं का संचालन करती है। परिषद् का उद्देश्य हिंदी विभाग की शैक्षणिक और सांस्कृतिक दृष्टि को छात्रों के सृजनात्मक कार्यों के माध्यम से महाविद्यालय स्तर पर विस्तार देना है, ताकि विद्यार्थियों में साहित्यिक अभिव्यक्ति, भाषाई संवेदनशीलता और हिंदी के प्रति सम्मान की भावना विकसित हो सके।
मुख्य आयोजन
- “क्षितिज” संगोष्ठी, श्रुत लेखन और अंतर-महाविद्यालय कविता वाचन प्रतियोगिता:
यह कार्यक्रम हिंदी दिवस (14 सितंबर 2025) को आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता प्रो. पूरन चंद टंडन रहे। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई महाविद्यालयों के छात्रों ने इसमें भाग लेकर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
योगदान: इस कार्यक्रम ने छात्रों की लेखन क्षमता को विकसित किया और हिंदी साहित्य के प्रति उनकी समझ को गहरा किया।
- “प्रभास 2.0” – ऑनलाइन हिंदी कविता प्रतियोगिता:
पहली प्रभास प्रतियोगिता की सफलता के बाद आयोजित इस संस्करण में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
योगदान: इस कार्यक्रम ने छात्र सहभागिता और सृजनात्मकता को नए आयाम दिए।
- “अमोघ 2.0” – हिंदी भाषण प्रतियोगिता:
21 फरवरी 2025 को आयोजित इस प्रतियोगिता में दिल्ली विश्वविद्यालय के कई महाविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया।
योगदान: इस मंच ने छात्रों की सार्वजनिक वक्तृत्व कला को निखारा और आत्मविश्वास बढ़ाया।
- “उद्गार” – संगोष्ठी कार्यक्रम:
2 अप्रैल 2025 को आयोजित यह संगोष्ठी “लोक साहित्य में राम” विषय पर आधारित थी। मुख्य वक्ता श्री विशाल पाण्डेय ने भोजपुरी लोककथाओं में राम के स्वरूप और सामाजिक प्रभावों पर विचार रखे।
भविष्य की योजनाएं
युवा कवि सम्मेलन: इस कार्यक्रम के माध्यम से युवा कवियों को मंच प्रदान किया जाएगा, जहाँ वे अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर सकेंगे।
उम्मीदित योगदान: यह सम्मेलन नए साहित्यकारों को प्रोत्साहित करेगा, उनकी प्रतिभा को पहचान देगा और हिंदी साहित्य की समृद्धि में योगदान देगा।
उपलब्धियां
अनुकृति हिंदी साहित्य परिषद् ने सत्र 2024–25 में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त कीं:
- सत्यवती महाविद्यालय द्वारा आयोजित स्वरचित कविता वाचन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान।
- गलगोटिया विश्वविद्यालय में आयोजित कलाम-ए-ताहिर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान।
- Quill कारी – Bilingual Creative Writing Competition में द्वितीय स्थान।
- श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में कविता वाचन प्रतियोगिता में सांत्वना पुरस्कार।
- नेपाल–भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संगोष्ठी एवं काव्यपाठ में तृतीय स्थान।
- Viksit Bharat Youth Parliament में हंशिका झा ने द्वितीय चरण तक स्थान प्राप्त किया।
- महाविद्यालय टैलेंट हंट प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान।
प्रभारी
अभिषेक सिंह
हिंदी विभाग
विभागीय सदस्य
- प्रो. सतीश कुमार
- डॉ. चैताली सिन्हा
- प्रो. विंध्याचल मिश्र
- डॉ. सुमन स्वामी
- ज्ञानेन्द्र मिश्रा
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